Friday, August 22, 2008

विजेंदर सेमीफाइनल में हारे


भारतीय मुक्केबाज़ विजेंदर बीजिंग ओलंपिक का सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला क्यूबा के एमिलियो कोरिया से हार गए हैं.
अब उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ेगा. इस हार के बावजूद विजेंदर की उपलब्धि इस मायने में अहम है कि ओलंपिक इतिहास में पहली बार भारत को मुक्केबाज़ी में कोई पदक प्राप्त हुआ है.
विजेंदर ने सेमीफ़ाइनल जीतने की जानदार कोशिश की लेकिन पैन अमरीकी चैंम्पियन एमिलियो कोरिया उन पर हावी पड़े.
इस अहम बाउट का पहला राउंड ही विजेंदर के लिए ठीक नहीं रहा. इसमें क्यूबाई मुक्केबाज़ ने 2-0 से बढ़त बनाई.
लेकिन दूसरे राउंड में विजेंदर ने काउंटर अटैक के ज़रिए जहाँ तीन अंक जुटाए, वहीं दो अंक गँवाने पड़े.
निराशा
दूसरे राउंड में स्कोर 4-3 से कोरिया के पक्ष में था लेकिन तीसरे राउंड में विजेंदर कोई भी अंक नहीं जुटा पाए जबकि क्यूबाई मुक्केबाज़ ने शानदार तीन पंच लगाए.
जब चौथा राउंड शुरु हुआ तो स्कोर 7-3 से कोरिया के पक्ष में था. हालाँकि निर्णायक क्षणों में कोरिया की ग़लत रणनीति का फ़ायदा विजेंदर को मिला और उन्हें दो अंक दिए गए.
लेकिन विजेंदर इस मौके को भुनाने में नाकाम रहे और कोरिया ने एक और अंक जुटा कर मुक़ाबला 8-5 से अपने नाम कर लिया.
हालाँकि हार के बावजूद विजेंदर को कांस्य पदक मिलेगा जो क्वार्टर फ़ाइनल में उनकी जीत से ही तय हो गया था.

स्रोत : बी बी सी हिन्दी http://www.bbchindi.com/

Thursday, August 21, 2008

एक ऐतेहासिक दिन ......



भारत के ओलंपिक इतिहास में बुधवार का दिन बेहतरीन रहा जहाँ पहलवान सुशील कुमार ने कांस्य पदक जीता और बॉक्सर विजेंदर कुमार का कांस्य पदक पक्का हो गया.
पदक तालिका में भारत के नाम के आगे ओलंपिक खेलों में तीन पदक पहली बार दिखाई देंगे.
बुधवार को जहां विजेंदर कुमार ने मुक्केबाज़ी के क्वार्टर फ़ाइनल में जीतकर कांस्य पदक सुनिश्चित किया वहीं सुशील कुमार ने कुश्ती में कांस्य पदक जीत लिया.
हालांकि पदक की उम्मीद वाले एक अन्य मुक्केबाज़ जितेंदर कुमार हार गए हैं.
इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग मे स्वर्ण पदक जीता है.
विजेंदर का मैच
अखिल कुमार और जिंतेदर कुमार की हार के बाद पूरे भारत को विजेंदर से पदक की उम्मीदें थीं जिसे उन्होंने पूरा कर दिखाया है.
75 किलोग्राम वर्ग में विजेंदर ने बड़ी ही सधी शुरुआत करते हुए इक्वेडोर के मुक्केबाज़ कार्लोस गोंगोरा को 9-4 से हरा दिया.
पहले राउंड में विजेंदर ने सधी हुई मुक्केबाज़ी करते हुए दो अंक जुटाए. दूसरे राउंड में भी वो रुक रुक कर मुक्के लगाते रहे और चार अंक जुटा लिए.
सुशील पहलवान सतपाल के शिष्य हैं
तीसरे राउंड में गोंगोरा काफी थके हुए दिखे जिसका फ़ायदा विजेंदर ने उठाया और गोंगोरा को हराने में सफलता प्राप्त की.
गोंगोरा को मामूली मुक्केबाज़ नहीं हैं, वे चार बार यूरोपीय चैंपियन रहे हैं.
इस जीत के साथ ही विजेंदर सेमी फाइनल में पहुंचे गए हैं और उनका कांस्य पदक पक्का हो गया है, हो सकता है कि अगले मैचों को जीतकर वे रजत या स्वर्ण पदक के दावेदार बन जाएँ.
सुशील कुमार की जीत
उधर कुश्ती में भारत के सुशील कुमार ने इतिहास दोहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया.
इससे पहले 1952 में भारत के केडी जाधव ने कांस्य पदक जीता था.
सुशील कुमार ने 75 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक के लिए हुए मुक़ाबले में कज़ाखस्तान के पहलवान लियोनिड स्पिरदोनोव को हराया.
अखिल के बाद जितेंदर कुमार को भी मुक्केबाज़ी में हार का मुंह देखना पड़ा
सुशील ने इस जीत पर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें इस जीत की उम्मीद थी.
उनकी जीत के बाद पूरी दिल्ली में जश्न का माहौल देखा गया. सुशील, सतपाल पहलवान के शिष्य हैं.
सुशील कुमार के लिए दिल्ली सरकार ने 50 लाख के इनाम की घोषणा की जबकि रेलवे ने 55 लाख और हरियाणा सरकार ने 25 लाख के इनाम की घोषणा की है.
जितेंदर की हार
जहां विजेंदर कुमार और सुशील कुमार ने पदक सुनिश्चित कर लिए वहीं मुक्केबाज़ जितेंदर कुमार हार गए.
जिंतेदर का मुकाबला 51 किलो वर्ग में रुस के जॉर्जी बैलकिनशेन से था.
बैलकिनशेन ने तेज़ मुक्केबाज़ी करते हुए जितेंदर कुमार को 15-11 से मात दी.
इन तीनों मुक़ाबलों के बीच भारत-श्रीलंका मैच पर भारत में बुधवार को शायद ही किसी ने क्रिकेट की सुध ली, हालाँकि क्रिकेट में भी भारत ने तीन विकेट से जीत हासिल की.
स्रोत : बी बी सी हिन्दी ( www.bbchindi.com )

Monday, August 18, 2008

अति आत्मविश्वास या अति आशावाद ?



मुक्केबाज़ी के 54 किलोग्राम वर्ग के क्वार्टर फाइनल में मॉलडोवा के मुक्केबाज़ वेसलाव गोजान ने भारतीय मुक्केबाज़ अखिल कुमार को हरा दिया। इस मुकाबले में अखिल कुमार की हार के साथ भारत की ओलम्पिक में एक और मैडल की बड़ी उम्मीद पर तुषारापात हो गया। क्वार्टर फाइनल में अखिल ने विश्व चैम्पियन मुक्केबाज सर्गेई वोदोप्यानोफ़ को हरा कर सनसनी मचा दी थी और इसलिए उनसे उम्मीदें काफ़ी बढ़ गई थी।

रिंग में उतरे अखिल कुमार शुरुआत में आत्मविश्वास से लबरेज़ दिखे पर जल्द ही समझ में आ गया कि ये अति आत्मविश्वास था। पहले राउंड में अखिल ने १-१ के साथ के साथ बढ़त बनाई पर यही स्कोर दूसरे दौर में भी रहा, पर तीसरे और चौथे दौर में वेसलाव गोजान ने ६ अंक ले लिए और उनकी बढ़त अजेय हो गई।

क्वार्टर फाइनल में जीत के बाद एक निजी समाचार चैनल के साथ बातचीत में अति उत्साहित अखिल ने कहा था कि उन्हें ना तो किसी से डर है और न ही कोई उनके मुकाबले में है। उन्होंने बड़ी आक्रामकता से कहा था कि वे स्वर्ण पदक से कम किसी भी चीज़ पर समझौता नहीं करेंगे। शायद यही हुआ अब उन्हें स्वर्ण नही मिला है तो कोई भी पदक नहीं मिलेगा।

अखिल को दुनिया का सबसे बड़ा मन्त्र याद रखना चाहिए कि

अति का भला न बरसना, अति की भली ना धूप

अति का भला ना बोलना, अति की भली न चुप


तो अखिल भइया इससे बड़ा सबक नहीं मिलेगा, आप महान खिलाडी हैं पर महानता को घमंड खा जाता है !

Monday, August 11, 2008

चीन में लहराया तिरंगा....बिंद्रा जीते रहो !




यह अद्भुत दृश्य था.....विहंगम...कुछ विशवास नहीं कर पा रहे थे, कुछ मुस्कुरा रहे थे, कुछ चीख रहे थे और बाकी आंसुओं से भीगे थे ! दृश्य ही कुछ ऐसा था, तिरंगा लहरा रहा था और वो भी बीजिंग में ! जी हाँ .... और इसलिए क्यूंकि ओलम्पिक में भारत ने १९८० के बाद पहला स्वर्ण पदक जीता है। आपको भी विशवास नही हो रहा ? पर यह सच है ! यह पदक हाकी के अलावा किसी भी खेल में भारत का पहला स्वर्ण पदक है और यह इतिहास रचा है भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने ! उन्होंने 10 मीटर एयर राइफ़ल में स्वर्ण पदक हासिल किया।

जहाँ पिछले दो दिनों में एक एक करके सारी भारतीय उम्मीदें टूटती जा रहीं थी, बिंद्रा ने न केवल लाज रखी बल्कि सर गर्व से ऊंचा कर दियाइस बार हालांकि यह उम्मीद थी की हम कोई न कोई पदक जीतेंगे पर तीसरे ही दिन स्वर्ण पदक मिलना वाकई उस देश के लिए अतीव गर्व की बात है जहाँ लोग क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों की तरफ़ आंशिक रूप से भी गर्दन नही हिलाते। हाकी टीम के ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई ना कर पाने से निराश देशवासियों के लिए ये वाकई बड़ी ख़बर है बल्कि बहुत बड़ी ख़बर !

बिंद्रा का स्कोर रहा
BINDRA Abhinav
100
99
100
98
100
99
596


Final shots:
10.7
10.3
10.4
10.5
10.5
10.5
10.6
10.0
10.2
10.8
104.5

Total Score : 700.5

अभिनव बिंद्रा का यह पदक १०४ साल में देश को मिला पहला व्यक्तिगत पदक है और यह निश्चित रूप से उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनके स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी है। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "ये बहुत बड़ा दिन है और देश के लिए बहुत गर्व की बात है।
उनका कहना था कि अभिनव बिंद्रा युवाओं के लिए एक मिसाल बन गए हैं और इससे भारतीय युवाओं को बहुत बढ़ावा मिलेगा।"
"अभिनव बिंद्रा के जीतने से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज चीन में लहराया और राष्ट्रगान बजा जिससे हम सबका सर गर्व से ऊंचा हो गया"
"कलमाडी का कहना था कि इसमें कोई शक नहीं कि ये ऐतिहासिक दिन है और इसका श्रेय भारतीय शूटिंग महासंघ को भी जाता है."
ज्ञात हो कि खेल रत्न से सम्मानित इस खिलाडी को पदक के दावेदार के तौर पर बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया था और न ही इस बार उनकी चर्चा ज्यादा थी लेकिन तुलसीदास ने कहा है कि सूर समर करनी करहिकही न जनावही आपु मतलब कि वीर कहते नहीं करके दिखाते हैं !

बिंद्रा तुम शूरवीर हो !

तुम लड़े....ऐसे देश में जहाँ लड़ना दुष्कर है

तुम लड़े ..... परिस्थितयों से

तुम लड़े....... समय से

तुम लड़े ....... अपने लिए नहीं, हम सबके लिए

तुम लड़े ...... देश के लिए

तुम जीते ..... इन सबके लिए

तुमको मिला सम्मान हमको मिला गौरवबोध है !

बिंद्रा ......... जीते रहो !!!


Sunday, August 10, 2008

आगे आगे देखिये होता है क्या ..


खेल की दुनिया में आप सभी एक बार से स्वागत है।खेल की दुनिया में एक और अध्याय जुड़ने को तैयार है ...... ओलम्पिक्स ,ये सिर्फ़ खेलो को ही नही बल्कि विश्व को जोड़ने के लिए भी अहम् भूमिका निभाता है। ये दर्शाता है की दुनिया में आप कहा स्थान रखते है । अभी तक की पदक तालिका पर नज़र डाले, तो फिर अमेरिका तैयार है उनतिस्वे ओलम्पिक्स में अपनी धाक ज़माने को। और अगर बात करे मेज़बान की तो वो भी कोई कमी नही छोड़ना चाहता । पर कहा है भारत........ उसकी स्थिति बिगडती संभलती नज़र क्यों आ रही है कहाँ है कमी ...... आप भी सोचेगे क्या फिर एक सवाल। सवाल उन अधिकारयों से जिन्होंने खेल में कई पदको के दावे किए थे। अभी समय निकला नही है आज भी हम उम्मीद किए हुए है उन खिलाडियो से जिनके जिम्मे अब हमारी देश की शान है जैसे टेनिस, नौकायन और मुक्केबाजी जैसे खेल से अभी भी उम्मीद की जा रही है। देखना अब ये होगा बचे दिनों में भारत अपने प्रदर्शन को सुधार पाता है या नही ।

चूका निशाना .... नौका लगी पार !


ओलम्पिक में भारत के पहले दिन को कल रात अधिकतर टीवी चैनल मिला जुला बताते नज़र आए पर अगर विश्लेषण करें तो ये दिन निराशाजनक अधिक था, न कि मिला जुला। हालांकि भारत के बजरंग लाल ने नौकायन का पहला दौर पार कर लिया और विजेंद्र कुमार ने मुक्केबाजी में पहले दौर में जीत हासिल की पर निराशा इसलिए हुई क्यूंकि जिन खेलों में सबसे ज्यादा पदक की उम्मीदें थी उनमे हमारा प्रदर्शन स्तरीय भी नहीं रहा।


ओलम्पिक के साथ ही सबसे ज्यादा आशावान हम सब भारतीय तीरंदाजों और निशानेबाजों को लेकर थे पर उम्मीदें टूटती नज़र आयीं। भारतीय निशानेबाज जहाँ दिन भर लक्ष्य से भटकते रहे वहीं तीरंदाज भी कोई ख़ास तीर नहीं मार पाये। अंजलि भागवत और अवनीत कौर सिद्धू 10 मीटर एयर राइफ़ल में मुख्य दौर के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं। क्वालीफाइंग दौर में अंजलि 29वें स्थान पर रहीं, जबकि अवनीत कौर 39वें स्थान पर। अंजलि ने 400 में से 393 अंक जुटाए, जबकि अवनीत सिर्फ़ 389 अंक ही जुटा सकी। पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में समरेश जंग फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके.
मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतने वाले समरेश 600 में से 570 अंक जुटा सके और 48 निशानेबाजों की होड़ में 42वें स्थान पर रह गए।


तीरंदाजी में भारत का प्रदर्शन इस तरह का रहा कि कुछ कहने से अच्छा है कि स्कोर ही बताया जाए। विश्व चैम्पियन डोला बनर्जी क्वालीफाइंग दौर में ही बाहर हो गईं। डोला बनर्जी क्वालीफाइंग दौर में 31वें स्थान पर रहीं, जबकि बॉम्बयाला देवी २२ स्थान पर।


और खेलों में भी बुरा हाल था, जूडो में तो भारतीय जूडोका महिलाओं के 48 किलोग्राम भार वर्ग में तोम्बी कुमुजम देवी केवल ढाई मिनट में ही परास्त कर दी गई। जूडो में अब 78 किलो भार वर्ग में दिव्या तेवर इकलौती भारतीय चुनौती बची हैं।


खेलों में भारत के लिए अच्छी ख़बर वहां से आई जहाँ उम्मीदें कम थी, मुक्केबाजी में भारत के विजेंद्र कुमार ने ७५ किलोग्राम भार वर्ग में पहले दौर में १४-२ के शानदार पॉइंट्स से जीत हासिल की। नौकायन में बजरंग लाल ने पहला दौर आसानी से पार कर लिया तो भारत की बेडमिन्टन खिलाडी साइना नेहवाल ने भी प्री क्वार्टर फाइनल में जीत हासिल की।


अब बात दुनिया भर की तो ओलम्पिक बीजिंग का पहला स्वर्ण पदक चेक गणराज्य की कैटरीना इमोंस के नाम रहा। हालाँकि चीन ने महिलाओं की 48 किलो भारोत्तोलन स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक हासिल किया. चेन ज़िझिया ने 212 किलो वज़न उठाकर देश को पहला स्वर्ण दिलाया.
चीन को दूसरा स्वर्ण पुरुषों की निशानेबाज़ी स्पर्धा में मिला. 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में पेंग वेई ने स्वर्ण पदक जीता.


अब तक की पदक तालिका इस प्रकार है ॥


क्रिकेट क्रिकेट या विकेट

प्यारे दोस्तों क्रिकेट तो आप जानते ही हैं लकिन विकेट का अभिप्राय मैंने चोटिल खिलाडियों से रखा हैं
भारत में क्रिकेट को ही खेल कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी, हो भी क्यूँ............... पैसा हैं रुतबा हैं क्रिकेटर तो भगवन हो गए हैं........लकिन कलयुग के ये भगवान् भूल गए हैं की यदि शरीर हैं तो उसमे दर्द भी होगा चोट भी लगेगी और टीम से बाहर भी होना पड़ेगा पर नकली भगवान की माया छु मंतर हो जाएगी.........तभी तो कहता हु प्यारे क्रिक्केतरो इतना ही खेलो की की हमारे मन को भाए इतना नही की आपकी हालत ऐ नादाँ देख कर हमारा मन भर आए......

Saturday, August 9, 2008

चीन ने हराया प्रकृति को !

चीन ने बदला बादलों का रुख ......
पढिये ..............
http://cavssanchar.blogspot.com/2008/08/blog-post_7776.html
चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ
जार्ज बुश
आई ऐ के अध्यक्ष जेकास रोग

भारतीय दल .... इस बार शायद कुछ...
कुछ कदम सितारों की ओर
मुस्कुराती दुनिया
संस्कृति ५,००० वर्ष पुरानी
जगमगाता नीड़.....हम पंछी एक डाल के
कड़ी सुरक्षा ...... विडंबना

ध्वज जो कहता है एक विश्व एक स्वप्न
ये पाँच छल्ले दुनिया को एक करते हैं
ज्योत से ज्योत जलाते चलो
खेलो का महाकुम्भ
बस एक शब्द ..........अद्वितीय !

Friday, August 8, 2008

खेलों का महाकुम्भ

कल शाम ज़बरदस्त आतिशबाजी और बेहतरीन रंगारंग कार्यक्रमों के साथ खेलो का सबसे बड़ा मेला ओलम्पिक चीन की राजधानी बीजिंग में शुरू हो गया। शाम ८ बजकर ८ मिनट और ८ सेकंड पर प्रारंभ हुए इस खेल महोत्सव के उदघाटन समारोह ने चीन के इस दावे को शुरुआत में ही साबित कर दिया की ये अब तक के सबसे बेहतरीन ओलम्पिक होंगे। दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्कों के सबसे बड़े नेताओं की उपस्थिति में अनाव्तरित हुए इस खेल मेले में ९१,००० दर्शक और १०,५०० खिलाडियो की उपस्थिति में करीब १०,००० कलाकारों ने ऐसे कार्यक्रम पेश किए जो पहले कभी कही नही देखे गए।

चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने समारोह का उदघाटन करते हुए कहा कि,"जिस एतेहासिक क्षण का हमें इन्तेज़ार था वह आ गया !" वहीं कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष जैक्स रोग ने कहा कि इन खेलों से दुनिया को चीन को और चीन को दुनिया को समझने का मौका मिलेगा, वे बोले "दुनिया इन खेलों के ज़रिए एक ऐसे देश को समझने की कोशिश करेगी जिसका पाँच हज़ार साल का एक इतिहास और परंपरा है। वे चीन को एक अदभुत देश पाएंगे और मेरा ख़याल है कि इससे दुनिया भर में चीन के बारे में राय बदलेगी."

खेल दुनिया पेश करता है उस अद्भुत कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ ....

शुभारम्भ......

पाँच छल्ले पाँच महाद्वीप पूरी दुनिया


छू लें आसमान - एक नर्तकी


नृत्य .... मन और शरीर दोनों का

बेजोड़ प्रदर्शन

शुभारम्भ ....


चीन का राष्ट्रध्वज फहराते हुए


उदघाटन के साथ ही शुरू आतिशबाजी



भव्य आतिशबाजी देर तक चली

ओलम्पिक खेलों का शानदार उदघाटन !

इन्तेज़ार ख़त्म हुआ और आखिरकार बीजिंग ओलम्पिक खेल शुरू हो गए। बीजिंग के राष्ट्रीय स्टेडियम में ओलम्पिक खेलों का रंगारंग उदघाटन समारोह जारी है। समारोह में अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और भारत से श्रीमती सोनिया गांधी समेत पूरी दुनिया के शीर्ष राजनेता अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं। इसके अलावा लाखों पर्यटक इस समय ओलम्पिक खेलों के लिए बीजिंग में मौजूद हैं.....उदघाटन समारोह में आयोजन स्थल पर करीब ९०,००० दर्शक मैदान में मौजूद इस विहंगम दृश्य का नज़ारा कर रहे है तो दुनिया भर के 3,000,000,000 लोग इसे टेलिविज़न पर देख रहे हैं !

शुभारम्भ के नाम से हम लगातार प्रस्तुत करेंगे इस कार्यक्रम की चुनिन्दा तसवीरें !

खेल का महाकुम्भ ओल्य्म्पिक२००८ आज से शुरू ........

खेल का महाकुम्भ कहा जाने वाला ओलंपिक - २००८ आज से शुरू होने जा रहा है। ये विश्वस्तर क चाइना के बीजिंग शहर में होने जा रहे है। ये आयोजन चाइना के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है। इस आयोजन के द्वारा चाइना विश्व स्तर पर अपनी छवि को सुधरने की कोशिश करेगा। पिछले दिनों तिब्बत मुद्दे को लेकर चाइना के ख़िलाफ़ विश्व भर में काफ़ी हंगामे हुए थे तो चाइना इस आयोजन को सफल बनाकर अपनी सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश करेगा। चाइना ने इस आयोजन के लिए अथक प्रयास और मेहनत की है। हो सकता है की इस आयोजन के बाद चाइना विश्व भर में अपनी छवि जो किएक कम्युनिस्ट देश कि है उसे बदलकर एक साम्राज्यवादी देश कि तरह उभरने कि कोशिश करेगा।
अंततः यह कहा जा सकता है कि चाइना इस पुरे आयोजन को सफल बनाकर अपनी छवि को विश्व स्तर पर बदलने कि कोशिश करेगा।
यह है ओलम्पिक २००८, बीजिंग का शुभंकर और प्रतीक !

खेलों का मेला ....

आज से चीन की राजधानी बीजिंग में दुनिया के खेलों के महाकुम्भ ओलम्पिक खेलों का शुभारम्भ हो रहा है। इस बार के ओलम्पिक खेल इस मायने में महत्वपूर्ण हैं कि चीन इन खेलों के सफल आयोजन के द्वारा अपनी छवि दुनिया के सामने सुधारना चाहता है, वहीं दूसरी ओर तिब्बतियों के लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण पूरी दुनिया में चीन में मानवाधिकारों को लेकर भी बहस चालू हो गई है।


हालांकि इस बात पर भी चीन ने तिब्बत को लेकर अपना रुख नहीं बदला है और तिब्बत को अपना आतंरिक मामला बताया है पर पूरी दुनिया जानती है कि तिब्बत का सच क्या है और ज़ाहिर तौर पर इस से कम्युनिस्ट चीन कहीं ना कहीं साम्राज्यवादी चीन के तौर पर उभरा है। पूरी दुनिया में ओलम्पिक मशाल के घूमने के दौरान जिस तरह के विरोध प्रदर्शन हुए और जिस तरह ल्हासा और तिब्बत के अन्य इलाको में चीन ने दमनकारी कार्यवाहियां की उससे दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। आशंका जतायी जा रही है कि ओलम्पिक के दौरान भी इसी तरह के बल्कि इससे भी व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।


अब बात ओलम्पिक की......तो कहा जाता है कि दुनिया के पहले ओलम्पिक खेल ईसा के पहले सन ७७४ में एथेंस में हुए पर आधुनिक ओलम्पिक खेलों का आगाज़ १८९६ में अथेन्स में हुआ और उसके बाद से ये हर ४ साल पर आयोजित किए जाते हैं। तब से अब तक २८ बार यह मेला लग चुका है और इस बार यह उन्तीस्वा ओलम्पिक है।

इन खेलो में जहाँ दुनिया भर के २०० देशों के हजारों खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, करीब ३०२ इवेंट्स कराये जाएँगे .... इन देशों में सबसे बड़ी टीम अमरीका की है, जिसमे करीब ६०० सदस्य हैं।
खेलों के लिए जो प्रतीक डिजाईन किया गया है उसे डांसिंग बीजिंग का नाम दिया गया है, इसमे परम्परागत लाल चीनी मुहर दिखाई गई है.... वहीं इसके शुभंकर के तौर पर पाँच शुभ चीनी गुडिया दिखाई गई हैं जिन्हें चीनी भाषा में फुवा कहा जाता है। ये शुभंकर मछली, बड़ा पांडा, अग्नि, तिब्बती अन्टीलोप और स्वलो को प्रर्दशित करते हैं। इनका नामकरण बैबेयी, जिंगजिंग, हुअन्हुअन, यिंगयिंग और निनी रखा गया है।
खेलों के लिए चीन ने बीते ५ सालों में अपना सब कुछ झोंक दिया है.......चीन में बने शानदार स्टेडियम और इमारतें इसकी गवाही देती हैं पर इस बार के ओलंपिकों के साथ चीन में मानवाधिकारों को लेकर जिस तरह के सवाल उठे हैं वो बेचैन करने वाले हैं। तिब्बत के विद्रोही भी दुनिया भर में चीन और ओलम्पिक विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। विडम्बना है कि ओलम्पिक को दुनिया में शान्ति, एकता, सदभाव और स्वस्थ भावना प्रतीक माना जाता है और ये ८ अगस्त को शुरू हो रहे हैं ..... ९ अगस्त को १९४५ में नागासाकी पर परमाणु बम गिराया गया था। खैर ओलम्पिक के पाँच छल्ले जो पाँच महाद्वीपों को दिखाते हैं और उनमे शान्ति, बंधुत्व और सहकार की स्थापना की बात करते हैं, हम दुआ करें की चीन के लिए भी नया संदेश लायें और तिब्बत पर चीन गंभीरता व सदभावना से विचार करे।

पहला चिटठा

कई दिनों से मेरे कई साथी जो खेल पत्रकारिता में रूचि रखते हैं, एक ब्लॉग की फरमाइश कर रहे थे जो केवल खेलों को समर्पित हो। इसी फरमाइश के चलते मैंने ये निर्णय लिया कि अब एक ब्लॉग बना ही दिया जाए जो खेलों के लिए हो। अब समस्या ये थी कि ब्लॉग कब चालू किया जाए तो निर्णय हुआ कि ब्लॉग को ओलम्पिक के चालू होने के साथ ही चालू किया जाए तो तय हुआ कि ८ अगस्त को ओलम्पिक के शुरू होने के साथ ही इस ब्लॉग को भी शुरू कर दिया जाएगा। ये ब्लॉग उनके लिए है जो क्रिकेट प्रेमी हैं और उनके लिए भी जो क्रिकेट से ऊब चुके हैं ...... इस में तरह के खेलों पर हम बात करेंगे और हर उस व्यक्ति के लेख, कहानी या कविता का स्वागत है जो खेलों पर लिखता है ! सो कलम उठा लीजिये और इस ब्लॉग का सदस्य बनने के लिए हमें मेल करें cavssanchar@gmail.com पर ..... फिलहाल ओलम्पिक आज शुरू हो रहे हैं तो लीजिये ओलम्पिक का मजा खेल दुनिया के साथ ... ! खेल दुनिया पर होगा ;

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