आज से चीन की राजधानी बीजिंग में दुनिया के खेलों के महाकुम्भ ओलम्पिक खेलों का शुभारम्भ हो रहा है। इस बार के ओलम्पिक खेल इस मायने में महत्वपूर्ण हैं कि चीन इन खेलों के सफल आयोजन के द्वारा अपनी छवि दुनिया के सामने सुधारना चाहता है, वहीं दूसरी ओर तिब्बतियों के लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण पूरी दुनिया में चीन में मानवाधिकारों को लेकर भी बहस चालू हो गई है।
हालांकि इस बात पर भी चीन ने तिब्बत को लेकर अपना रुख नहीं बदला है और तिब्बत को अपना आतंरिक मामला बताया है पर पूरी दुनिया जानती है कि तिब्बत का सच क्या है और ज़ाहिर तौर पर इस से कम्युनिस्ट चीन कहीं ना कहीं साम्राज्यवादी चीन के तौर पर उभरा है। पूरी दुनिया में ओलम्पिक मशाल के घूमने के दौरान जिस तरह के विरोध प्रदर्शन हुए और जिस तरह ल्हासा और तिब्बत के अन्य इलाको में चीन ने दमनकारी कार्यवाहियां की उससे दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। आशंका जतायी जा रही है कि ओलम्पिक के दौरान भी इसी तरह के बल्कि इससे भी व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।
अब बात ओलम्पिक की......तो कहा जाता है कि दुनिया के पहले ओलम्पिक खेल ईसा के पहले सन ७७४ में एथेंस में हुए पर आधुनिक ओलम्पिक खेलों का आगाज़ १८९६ में अथेन्स में हुआ और उसके बाद से ये हर ४ साल पर आयोजित किए जाते हैं। तब से अब तक २८ बार यह मेला लग चुका है और इस बार यह उन्तीस्वा ओलम्पिक है।
इन खेलो में जहाँ दुनिया भर के २०० देशों के हजारों खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, करीब ३०२ इवेंट्स कराये जाएँगे .... इन देशों में सबसे बड़ी टीम अमरीका की है, जिसमे करीब ६०० सदस्य हैं।
खेलों के लिए जो प्रतीक डिजाईन किया गया है उसे डांसिंग बीजिंग का नाम दिया गया है, इसमे परम्परागत लाल चीनी मुहर दिखाई गई है.... वहीं इसके शुभंकर के तौर पर पाँच शुभ चीनी गुडिया दिखाई गई हैं जिन्हें चीनी भाषा में फुवा कहा जाता है। ये शुभंकर मछली, बड़ा पांडा, अग्नि, तिब्बती अन्टीलोप और स्वलो को प्रर्दशित करते हैं। इनका नामकरण बैबेयी, जिंगजिंग, हुअन्हुअन, यिंगयिंग और निनी रखा गया है।
खेलों के लिए चीन ने बीते ५ सालों में अपना सब कुछ झोंक दिया है.......चीन में बने शानदार स्टेडियम और इमारतें इसकी गवाही देती हैं पर इस बार के ओलंपिकों के साथ चीन में मानवाधिकारों को लेकर जिस तरह के सवाल उठे हैं वो बेचैन करने वाले हैं। तिब्बत के विद्रोही भी दुनिया भर में चीन और ओलम्पिक विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। विडम्बना है कि ओलम्पिक को दुनिया में शान्ति, एकता, सदभाव और स्वस्थ भावना प्रतीक माना जाता है और ये ८ अगस्त को शुरू हो रहे हैं ..... ९ अगस्त को १९४५ में नागासाकी पर परमाणु बम गिराया गया था। खैर ओलम्पिक के पाँच छल्ले जो पाँच महाद्वीपों को दिखाते हैं और उनमे शान्ति, बंधुत्व और सहकार की स्थापना की बात करते हैं, हम दुआ करें की चीन के लिए भी नया संदेश लायें और तिब्बत पर चीन गंभीरता व सदभावना से विचार करे।
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